दुनिया का एकमेव चित्रगुप्त मंदिर - कांचीपुरम

दुनिया का एकमेव चित्रगुप्त मंदिर - कांचीपुरम

मंदिर का इतिहास - कांचीपुरम बोहोत से मंदिरो के लिए जाना जाता है।  यहाँ सिर्फ शिव और विष्णु मंदिर ही नहीं बल्कि दुनिया का एकमेव चित्रगुप्त मंदिर भी है।  चित्रगुप्त याम देव के प्रधान सचिव है।  ब्रह्म देव ने सूर्य देव की सहायता से चित्रगुप्त का निर्माण किया और वे यमदेव के छोटे भाई भी कहलाते है।  चित्र गुप्ता दुनिया के सभी लोगो के अच्छे बुरे कामो को अभिलेखित रखते है और यह निर्णय लेते है की लोग स्वर्ग जायेंगे या नरक। माना जाता है की चित्रगुप्त थी देवतै या केतु (नवग्रहों में से एक) का रूप है और यहाँ पूजा करने से सुख समृद्धि प्राप्त होती है।  वैष्णव और शैवों दोनोंही में यह मंदिर लोक प्रिय है।  यहाँ केतु के दोषो से भी मुक्ति मिलती है।

विशेस्ताये - मुख्य देवता यहाँ अपने दाहिने हाथ में कलम लेकर बैठे हुए है और बाएं हाथ में ताड़ पात्र है जिसपर वे काम करते है।  यहाँ उनकी एक उत्सव मूर्ति भी है जिसमे वे अपनी सहचरी कर्णिकाम्बल के साथ है।  चैत्र पूर्णिमा के दिन चित्रगुप्त पूजा की जाती है जो उनका जन्म दिवस माना जाता है।
चित्रगुप्त मंदिर कांचीपुरम

चित्रगुप्त कांचीपुरम


स्थान - यह मंदिर कांचीपुरम बस स्थानक के निकट है।
आश्चर्यवश , थिरुकोटेस्वरर थिरुपुरसुन्दरी मंदिर जो थिरुकोडिकावल में है - एक और चित्रगुप्त तीर्थ स्थल उपलब्ध है।

translated by Ananya

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