धन देवता कुबेर का प्राचीन मंदिर

धन के देवता कुबेर का एक प्राचीन मंदिर हरिकेसवनाल्लुर  में स्थित है । तमरपरानी नदी के तट पर स्थित एक छोटे से गाँव में यह मंदिर है।  ये मंदिर तमिल नाडु के तिरुनेलवेली जिले में है।  इस जगह को कुबेरपुरी भी कहते है।  भगवन शिव को यहाँ अर्यनाथर और देवी को पेरियनायकी के नाम से जाना जाता है । इस मंदिर के शीला लेखो से इस प्राचीन मंदिर की उम्र करीब १४०० साल की अनुमान की जाती है। विशेषताएँ -इस मंदिर में भगवान कुबेर का तीर्थस्थान है।  आर्थिक समस्याओ से जूंझ रहे आराधक यहाँ पूजा अर्पण करते है। कहा जाता है की यहाँ भगवान कुबेर ने शिव पूजा की थी। यहाँ दो शिव लिंग है - अर्यनाथर और कुबेर लिंग। इसीलिए इस गाँव को कुबेरपुरी कहा जाता है। ज्येष्ठ देवी को अर्पित एक पावन  स्थल भी इस मंदिर में स्थापित है। देवी यहाँ मंथी (शनिदेव के पुत्र) के साथ देखि जाती है। इन देवी के आशीर्वाद से मंगल दोष से मुक्ति मिलती है। दक्षिणमूर्ति भगवान यहाँ मेध दक्षिणमूर्ति के स्वरुप में है (मेध का अर्थ है महा विद्वान). यह स्थान कुछ ही मंदिरो में
उपलब्ध है। देव रूद्र भैरव का भी यहाँ तीर्थस्थल है। रूद्र भैरव आठ भैरवो में से एक स्वरुप है। दूसरे मंदिरो से अलग, यहाँ नटराज के दो आसन है।

मंदिर का इतिहास - यह मंदिर निन्द्रसीर नेडुमरन (पंड्या महाराजा) ने बनवाया था।  इन्हे अरिकेशवन या कुण पंड्या भी कहा जाता है और इसी नाम से इस गाँव की पहचान होती है। यह मंदिर १४०० साल पहले बनवाया गया था।
१२-१३ सदी में पहले सदयवरं कुलशेखर पंड्या ने इस मंदिर का नवीकरण किया था।

मंदिर के देवता - भगवान शिव - शिव जी यहाँ अर्यनाथर जिसका अर्थ दुर्लभ देवता है । इस शिवलिंग के आलावा कुबेर लिंग की भी स्थापना इस मंदिर में की गयी है। देवी - देवी का नाम यहाँ बृहनायकी या पेरिया नायकी (अर्थ है भव्य) । यें देवी भारी करुणा का उदहारण हैं।मेध दक्षिणमूर्ति - यह मंदिर ५ गुरु स्थलों में से एक है। बाकि के चार स्थल - थिरुविदैमरुथुर , अट्टालनल्लूर , थेन्थिरुभुवनम और इडैक्कल। इस मंदिर में भगवान दक्षिणमूर्ति एक भक्त को अपने बाएं हाथ से आशीर्वाद दे रहे है और उनके दाहिने हाथ पर एक चिन्ह है। ज्येष्ठ देवी - ज्येष्ठ देवी यहाँ मंगल दोष से निवारण करती है। हज़ारो लोग यहाँ पूजा करने आते है। अन्य देवता - भगवान मुक्कुरनी विनायक  (मदुरई के मीनाक्षी मंदिर)ज़ुरा देवा - तीन पैरो वाले शिव जी की मूर्ति।  रोग निवारण हेतु इनकी पूजा होती है। सप्त कन्या - ब्रह्मी , महेश्वरी , वैष्णवी , कौमारी , वराही , नरसिंहि , चामुंडी शनि गवान
मंदिर के परिसर में , भगवान शिव के तीर्थ के पीछे मंदिर का आमला वृक्ष है। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे -

प्रकाश  - 9944326688

शिवाय नमह  - 9884126417



    Kubera God of  Wealth Tamil Nadu

    Harikesavanallur Appeal

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