भगवान मुरुगन - न्यायाधीश के रूप में - कोलाँजिअप्पार मंदिर
वृन्दावन , तमिल नाडु में स्थित इस कार्तिकेय मंदिर में श्री मुरुगन (कार्तिक) मुख्य देवता है। यह स्थान चेन्नई से ३ किलोमीटर की दूरी पर है।
इस मंदिर में भगवान मुरुगन न्यायाधीश के रूप में है। दुनिया के हर कोने से भक्त यहाँ आते है और पूजा करते है ताकि उन्हें निष्पक्ष निर्णय या न्याय मिले।
अगर भक्तो को ऐसा लगे की उन्हें न्याय से वंचित कर दिया गया है तब वे मंदिर में एक छोटासा शुल्क भर के एक कागज़ पर अपने सारे समस्याओं को लिख कर देवता के चरणों में इसे प्रस्तुत कर सकते है। मंदिर के पुरोहित इन सभी कागजो को मुनीस्वरन (भगवान मुरुगन के संरक्षक देवता) के चरणो में बाँध देते है। यहाँ मुनीस्वरन एक वकील के रूप में है जो भगवान के दरबार में भक्तो का मामला लड़ने के लिए तैयार है। यह पूजा पूर्ण विश्वास में और प्रभु के श्रेष्ठ न्यायाधीश होने के विश्वास के आधार पर किया जाता है ।
वृन्दावन , तमिल नाडु में स्थित इस कार्तिकेय मंदिर में श्री मुरुगन (कार्तिक) मुख्य देवता है। यह स्थान चेन्नई से ३ किलोमीटर की दूरी पर है।
इस मंदिर में भगवान मुरुगन न्यायाधीश के रूप में है। दुनिया के हर कोने से भक्त यहाँ आते है और पूजा करते है ताकि उन्हें निष्पक्ष निर्णय या न्याय मिले।
अगर भक्तो को ऐसा लगे की उन्हें न्याय से वंचित कर दिया गया है तब वे मंदिर में एक छोटासा शुल्क भर के एक कागज़ पर अपने सारे समस्याओं को लिख कर देवता के चरणों में इसे प्रस्तुत कर सकते है। मंदिर के पुरोहित इन सभी कागजो को मुनीस्वरन (भगवान मुरुगन के संरक्षक देवता) के चरणो में बाँध देते है। यहाँ मुनीस्वरन एक वकील के रूप में है जो भगवान के दरबार में भक्तो का मामला लड़ने के लिए तैयार है। यह पूजा पूर्ण विश्वास में और प्रभु के श्रेष्ठ न्यायाधीश होने के विश्वास के आधार पर किया जाता है ।
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भक्तो के बंधे हुए क़ानूनी कार्यवाही के कागज |
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कोलाँजिअप्पार मंदिर |
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श्री मुरुगन कोलाँजि अप्पार मंदिर |
translated by Ananya
Travel Operator Contact Informations:
South India Vacation
Mobile : 8144977442
Email Id :southindiavacation@yahoo.com
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