माया देवी मंदिर - हरिद्वार का शक्तिपीठ
पौराणिक लेखो में हरिद्वार को अक्सर मायापुर या मायापुरी भी कहते आये है। यह मान इस स्थान पर स्थित माया देवी शक्ति पीठ के कारन पड़ा। हरिद्वार में और भी दो शक्ति पीठ है - मनसा देवी और चंडी देवी। यह दोनों काफी लोक प्रिया है परन्तु माया देवी शक्ति पीठ के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। यह पीठ एक रिहायशी क्षेत्र और बाजार के बीच स्थित है इसीलिए इस छोटे से मंदिर में ज्यादा भक्त नहीं दिखाई पड़ते
इस मंदिर के मुख्य आसन पर बीच में माया देवी , माँ काली बायें और कामाख्या दायी और बैठी है। वैदिक पुराणो के अनुसार देवी सटी का ह्रदय और नाभि इस स्थान पर गिरे थे। माया देवी हरिद्वार की अधिष्टाद्री माने मुख्य देवी है।
यह मंदिर हर की पूरी से १ किमी पूर्व की और स्थित है। ऑटो या टैक्सी द्वारा इस स्थान पर आसानी से जाया जा सकता है। हमारी यह इच्छा है की इस स्थान पर हरिद्वार आने वाले यात्री इस जगह का भ्रमण अवश्य करे। यह मंदिर चंडी देवी और मनसा देवी मंदिर की तरह पहाड़ी पर नहीं है बल्कि सरल मैदान में स्थित है।
पौराणिक लेखो में हरिद्वार को अक्सर मायापुर या मायापुरी भी कहते आये है। यह मान इस स्थान पर स्थित माया देवी शक्ति पीठ के कारन पड़ा। हरिद्वार में और भी दो शक्ति पीठ है - मनसा देवी और चंडी देवी। यह दोनों काफी लोक प्रिया है परन्तु माया देवी शक्ति पीठ के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। यह पीठ एक रिहायशी क्षेत्र और बाजार के बीच स्थित है इसीलिए इस छोटे से मंदिर में ज्यादा भक्त नहीं दिखाई पड़ते
इस मंदिर के मुख्य आसन पर बीच में माया देवी , माँ काली बायें और कामाख्या दायी और बैठी है। वैदिक पुराणो के अनुसार देवी सटी का ह्रदय और नाभि इस स्थान पर गिरे थे। माया देवी हरिद्वार की अधिष्टाद्री माने मुख्य देवी है।
यह मंदिर हर की पूरी से १ किमी पूर्व की और स्थित है। ऑटो या टैक्सी द्वारा इस स्थान पर आसानी से जाया जा सकता है। हमारी यह इच्छा है की इस स्थान पर हरिद्वार आने वाले यात्री इस जगह का भ्रमण अवश्य करे। यह मंदिर चंडी देवी और मनसा देवी मंदिर की तरह पहाड़ी पर नहीं है बल्कि सरल मैदान में स्थित है।
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माया देवी मंदिर - हरिद्वार |
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