श्री भगवंत स्वामिगल और श्री दयानंद स्वामिगल - कुड्डलोर
श्री भगवंत स्वामिगल और श्री दयानंद स्वामिगल, १९ वि सदी के दो महान संतो में से थे। ये तमिल नाडु के कुड्डलोर से सम्बन्ध रखते थे। श्री भगवंत स्वामिगल देवी माँ के और श्री दयानंद स्वामिगल देव मुरुगन के बोहोत बड़े भक्त थे। इन दोनों ने कुड्डलोर तथा निकट के स्थानो के लोगो का मार्गदर्शन किया और पुडुपलायम में महा समाधी प्राप्त की। कुड्डलोर , गेदिलम नदी के किनारे पर स्थित है। श्री भगवंत स्वामिगल के बारे में श्री रमन महर्षि ने भी अपने शिष्यों को बताया है।
आज इनकी महासमाधि एक शांति का प्रतिक बनकर खड़ा है। यहाँ अन्नदान किया जाता है और इन तीर्थ स्थलों से ऊर्जा उत्पन्न होती है। इस शांति और चैन को अनुभव करने के लिए यात्रिओ को इस स्थान का भ्रमण अवश्य करना चाहिए ।
translated by Ananya
Travel Operator Contact Informations:
South India Vacation
Mobile : 8144977442
EmailId :southindiavacation@yahoo.com
श्री भगवंत स्वामिगल और श्री दयानंद स्वामिगल, १९ वि सदी के दो महान संतो में से थे। ये तमिल नाडु के कुड्डलोर से सम्बन्ध रखते थे। श्री भगवंत स्वामिगल देवी माँ के और श्री दयानंद स्वामिगल देव मुरुगन के बोहोत बड़े भक्त थे। इन दोनों ने कुड्डलोर तथा निकट के स्थानो के लोगो का मार्गदर्शन किया और पुडुपलायम में महा समाधी प्राप्त की। कुड्डलोर , गेदिलम नदी के किनारे पर स्थित है। श्री भगवंत स्वामिगल के बारे में श्री रमन महर्षि ने भी अपने शिष्यों को बताया है।
आज इनकी महासमाधि एक शांति का प्रतिक बनकर खड़ा है। यहाँ अन्नदान किया जाता है और इन तीर्थ स्थलों से ऊर्जा उत्पन्न होती है। इस शांति और चैन को अनुभव करने के लिए यात्रिओ को इस स्थान का भ्रमण अवश्य करना चाहिए ।
![]() |
श्री भगवंत स्वामिगल |
![]() |
श्री दयानंद स्वामिगल |
translated by Ananya
Travel Operator Contact Informations:
South India Vacation
Mobile : 8144977442
EmailId :southindiavacation@yahoo.com
No comments:
Post a Comment