त्रिपुरसुंदरी मंदिर - त्रिपुरा , माताबारी

त्रिपुरसुंदरी मंदिर - त्रिपुरा , माताबारी 

उत्तर पूर्व के इस प्रदेश का नाम त्रिपुरा यहाँ पर स्थित त्रिपुरसुंदरी पड़ा।  यह स्थान ५१ शक्ति पीठो में से एक है। यह उदैपुर से अगरतला के मार्ग ,  किमी पर है।  स्थानीय लोग इसे माताबारी कहते है।  इस मंदिर में तवो देवियाँ है जो एक बंगाली अंदाज़ के मंदिर में होती है - त्रिपुरा सुंदरी (शोरोशी) और छोटी माँ।  इस मंदिर को कुर्मः पीठ भी कहते है क्युकी यह कछुए जैसे दिखाई देता है।

त्रिपुरा सुंदरी श्रीविद्या की पारम्परिक देवी है। यह बात भारतवर्ष के अनेको मंदिरो में दिखाई देता है जैसे - त्रिपुरा सुंदरी मरुन्दीस्वरर (तिरुवन्मियूर), चेन्नई से लेकर महालक्ष्मी मंदिर मुंबई तक।  हालांकि इसे महालक्ष्मी मंदिर कहा जाता है इनमे ३ देवियाँ होती है - महाकाली , महालक्ष्मी और महासरस्वती जिनके सामने श्रीयंत्र रहता है।  साधारणतः यह श्रीयंत्र एक कछुए के ऊपर लगवाया जाता जाता है जो विश्व को बंधे रखने वाली शक्ति को दर्शाता है।

इस मंदिर में अनेको शिलालेख है जो इस तीर्थ ककी लोकप्रियता बढ़ाते है और इस तीर्थ पर राजाओ ने किये गए ध्यानपूर्वक काम का बखान करते है। इस मंदिर का पावन कुंड - कल्याण सागर है।  इस कुंड में मछलियों तथा कछुओं को खिलाया जाता है।  इस मंदिर के दौरे का सबसे अच्छा समय दीपावली का समय है जब यहाँ वार्षिक मेला लगता है।

                           त्रिपुरसुंदरी मंदिर त्रिपुरा माताबारी 

translated by Ananya

No comments:

Post a Comment