अन्नदान मंदिर - थिरुववंदूर , केरल
यह मंदिर चेंगनूर से ७ किमी की दूरी पर है और माना जाता है की इसे नकुल - चतुर्थ पांडव ने बनवाया था। यह काफी प्राचीन मंदिर है और संत नम्माल्वर (३१०२ ईसा पूर्व ) ने अपने गायन में इस मंदिर का बखान किया है। यह मंदिर भगवान विष्णु के १०८ दिव्य स्थानो में से एक है।
इसी मंदिर में द्रौपदी को अपना अक्षय पत्र ( ऐसा बर्तन जिसमे हमेशा खाना बना रहे ) प्राप्त हुआ था । इसीलिए इस मंदिर में अन्नदान बोहोत महत्व पूर्ण है। धन अभाव से जूंझ रहे भक्त यहाँ पूजा करते है।
इस मंदिर में भगवान विष्णु के साथ दक्षिणमूर्ति सस्त और श्री कृष्ण का तीर्थस्थल है। भगवन कृष्ण यहाँ बाल गोपाल के रूप में है हाथ में दही भात लिए है। सं १३२५ में कुछ विडम्बना के कारण एक कृष्ण मूर्ति को नदी में विसर्जित किया गया था। विस्मयकारी ढंग से ६०० साल बाद सं १९६० में प्रभु ने एक पुरोहित के स्वप्न में आकर एक विशेष स्थान पर खोदने का निर्देश दिया। इस जगह के खुदान से श्री कृष्ण की मूर्ती प्राप्त हुई। पुरोहित ने केशव स्वामी की सहायता से इस मूर्ती को खोद निकाला।
हर साल त्यौहार के समय करीब १००० किलो चावल श्री कृष्ण को अर्पित किया जाता है। इसी दिन ४० हाथियों की शोभायात्रा निकलती है जिसे गज मेला कहते है।
मंदिर दौरे का समय: प्रातः ५ से ११ तक और संध्याकाल ५ से ८ तक
दूरध्वनी क्रमांक: 0479 2427808
यह मंदिर चेंगनूर से ७ किमी की दूरी पर है और माना जाता है की इसे नकुल - चतुर्थ पांडव ने बनवाया था। यह काफी प्राचीन मंदिर है और संत नम्माल्वर (३१०२ ईसा पूर्व ) ने अपने गायन में इस मंदिर का बखान किया है। यह मंदिर भगवान विष्णु के १०८ दिव्य स्थानो में से एक है।
इसी मंदिर में द्रौपदी को अपना अक्षय पत्र ( ऐसा बर्तन जिसमे हमेशा खाना बना रहे ) प्राप्त हुआ था । इसीलिए इस मंदिर में अन्नदान बोहोत महत्व पूर्ण है। धन अभाव से जूंझ रहे भक्त यहाँ पूजा करते है।
इस मंदिर में भगवान विष्णु के साथ दक्षिणमूर्ति सस्त और श्री कृष्ण का तीर्थस्थल है। भगवन कृष्ण यहाँ बाल गोपाल के रूप में है हाथ में दही भात लिए है। सं १३२५ में कुछ विडम्बना के कारण एक कृष्ण मूर्ति को नदी में विसर्जित किया गया था। विस्मयकारी ढंग से ६०० साल बाद सं १९६० में प्रभु ने एक पुरोहित के स्वप्न में आकर एक विशेष स्थान पर खोदने का निर्देश दिया। इस जगह के खुदान से श्री कृष्ण की मूर्ती प्राप्त हुई। पुरोहित ने केशव स्वामी की सहायता से इस मूर्ती को खोद निकाला।
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Irvavamdhur maha Vishnu Temple - Kerala |
हर साल त्यौहार के समय करीब १००० किलो चावल श्री कृष्ण को अर्पित किया जाता है। इसी दिन ४० हाथियों की शोभायात्रा निकलती है जिसे गज मेला कहते है।
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Irvavamdhur maha Vishnu Vutsav _ Kerala |
मंदिर दौरे का समय: प्रातः ५ से ११ तक और संध्याकाल ५ से ८ तक
दूरध्वनी क्रमांक: 0479 2427808
Translated By - Ananya
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