काल भैरव मंदिर - नेपाल

काल भैरव मंदिर - नेपाल 

नेपाल में बोहोत सरे भैरव मंदिर है।  इनमे से काल भैरव मंदिर , हनुमान दोखा , दुबार स्क्वायर काठमांडू में है। यह मंदिर अब यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों का एक हिस्सा है

मुख्य देवता  – भैरव को शिव जी का उग्र स्वरुप मानते है।  इस काल भैरव  ५-६ वि शताब्दी में हुई और यहाँ की मूर्तिया खेतो में राजा प्रताप मल्ला के राज में मिली (१७ वि सदी) 

भगवान की मूर्ती यहाँ १२ फुट से भी ऊँची है और काठमांडू के पत्थर से बानी प्रतिमाओ में से सबसे ऊँची है।  उनका रंग गहरा और ४ हाथ है जिसमे -फंदा , त्रिशूल, डुग्गी तथा खोपड़ी है। 

इतिहास – काल भैरव का स्थान बोहोत से शिव मंदिरो में है।  जब सती, दक्ष की पुत्री ने शिव जी से विवाह करना चाहा तब राजा दक्ष ने मन कर दिया।  फिर उन्होंने दक्ष यज्ञ में सभी देवताओ को पुकारा परन्तु शिव जी को नहीं।  जब शिव जी वह पोहोचे तो उन्हें अपमानित किया।  यह सुनकर सटी यज्ञ की अग्नि में कूद गयी।  इसे देख शिव जी ने रूद्र रूप धारण कर सटी के जलते हुए शव को उठकर तांडव करने लगे। श्री विष्णु ने तब विश्व का नाश रोकने के लिए सुदर्शन चक्र चलाया और सटी के धड़ के टुकड़े कर दिए।  जहा भी ये टुकड़े गिरे वह एक शक्ति पीठ उभरा। इसीलिए हर शक्ति पीठ के पास एक काल भैरव मूर्ती है। 

समारोह / त्यौहार – भैरव अष्टमी या भैरव जयंती यहाँ की जाती है। 

श्री काल भैरव सत्य के रक्षक है और यह माना जाता है की उनके सामने कोई झूठ बोले तो उसके प्राण चले जाते है। भगवन यहाँ ईर्ष्या और द्वेष की भावना भी हटा देते  है 

संपर्क 

दूरध्वनी  - +977 – 9803021519

translated by Ananya

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