सात बेहेन राज्यों के इस सफर पर , मणिपुर हमारा तीसरा पड़ाव है। "पोलो " का खेल यहि पर उत्पन्न हुआ। मणिपुर राज्य की धरती को दो भागो में बाटा जा सकता है - एक जो पहाड़िओ और गहरी घाटियों की है और एक जो बिलकुल सामान धरती की है।
इस लेख में हम मणिपुर के कुछ दर्शनीय स्थलों के बारे में जानेंगे।
श्री गोविंदजी मंदिर - This इम्फाल के राज महल के परिसर में यह मंदिर स्थित है। इस राज्य के सबसे बड़े वैष्णव मंदिरो में से यह मंदिर है। इस मंदिर को पहले सं १८४६ में बनाया गया था परन्तु एक भूकम्प (१८६८) में यह मंदिर नाश्ता हो गया। फिर महाराज चन्द्रकृति के समय इस मंदिर प् पुननिर्माण किया गया। .
इतिहास - श्री कृष्णा या गोविंदा (श्री विष्णु के अवतार) राज परिवार के कुल देवता थे। इस मंदिर में श्री कृष्ण अपनी सहचारि राधा के साथ विराजते है। देव जगन्नाथ जो विष्णु देव का एक और स्वरुप है, भी इस मंदिर में है। मुख्य मूर्तियों के साथ बलराम तथा सुभद्रा की मूर्तियां भी है।
वास्तुकला - इस पुरे मंदिर को राज महल के रूप में बनवाया गया है। यह काफी भव्य है और एक मंच पर स्थित है। बहरी परिसर में सुन्दर फूलो के बगीचे है। मुख्य कक्ष में मंदिर के उत्तरी, दक्षिणी तथा पूर्वी छोर से जाय जा सकता है। पूरा मंदिरो लाल ईटो से बना है और नागरा वास्तुशैली की झलक दिखाई पड़ती है।
इस मंदिर की छत पर दो गुबंद है जो सोने की लेप से बने है। इन दोनों गुबंदो पर मंदिर का ध्वज और कलश है।
मुख्य कक्ष में देवी देवताओ की मूर्तियां है।
त्यौहार/समारोह - बुद्ध पूर्णिमा के दिवस पर मंदिर में कृष्णा रास लीला प्रदर्शित की जाती है।
मंदिर भ्रमण का सबसे अच्छा समय होली (मार्च महीने) के समय है। इस त्यौहार को यहाँ दोल्जात्रा या योसोंग भी कहते है। इस समय देवताओ की रथ यात्रा निकलती है और रात भर नृत्य के प्रदर्शन चलते है।
इस मंदिर में पूजाएं वैदिक पद्धति से की जाती है। प्रतिदिन सुबह और शाम पूजा की जाती है। भाटो के पोशाकों के भी नियम है और पुरुष तथा महिलाये अलग अलग से पजा अर्पित करते है।
दिशा निर्देश :
हवाई जहाज से -निकटतम हवाई अड्डा राजधानी इम्फाल में स्थित है जो भारत के प्रमुख शहरों - डेल्ही, कोलकाता और गुवाहाटी से जुड़ा है।
रेल से - दिमापुर (२१५५ किमी ) यहाँ से निकटतम रेलवे स्थानक है।
रोड से - इम्फाल, असम राज्य के मुख्य शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा है। गुवाहाटी से राजमार्ग ३९ और सिलचर से राजमार्ग ५३।
http://tourismmanipur.nic.in/imphal_east.html
translated By Ananya
Image Courtesy - Wikipedia and Tripadvisor
इस लेख में हम मणिपुर के कुछ दर्शनीय स्थलों के बारे में जानेंगे।
श्री गोविंदजी मंदिर - This इम्फाल के राज महल के परिसर में यह मंदिर स्थित है। इस राज्य के सबसे बड़े वैष्णव मंदिरो में से यह मंदिर है। इस मंदिर को पहले सं १८४६ में बनाया गया था परन्तु एक भूकम्प (१८६८) में यह मंदिर नाश्ता हो गया। फिर महाराज चन्द्रकृति के समय इस मंदिर प् पुननिर्माण किया गया। .
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श्री गोविंदजी मंदिर |
इतिहास - श्री कृष्णा या गोविंदा (श्री विष्णु के अवतार) राज परिवार के कुल देवता थे। इस मंदिर में श्री कृष्ण अपनी सहचारि राधा के साथ विराजते है। देव जगन्नाथ जो विष्णु देव का एक और स्वरुप है, भी इस मंदिर में है। मुख्य मूर्तियों के साथ बलराम तथा सुभद्रा की मूर्तियां भी है।
वास्तुकला - इस पुरे मंदिर को राज महल के रूप में बनवाया गया है। यह काफी भव्य है और एक मंच पर स्थित है। बहरी परिसर में सुन्दर फूलो के बगीचे है। मुख्य कक्ष में मंदिर के उत्तरी, दक्षिणी तथा पूर्वी छोर से जाय जा सकता है। पूरा मंदिरो लाल ईटो से बना है और नागरा वास्तुशैली की झलक दिखाई पड़ती है।
इस मंदिर की छत पर दो गुबंद है जो सोने की लेप से बने है। इन दोनों गुबंदो पर मंदिर का ध्वज और कलश है।
मुख्य कक्ष में देवी देवताओ की मूर्तियां है।
त्यौहार/समारोह - बुद्ध पूर्णिमा के दिवस पर मंदिर में कृष्णा रास लीला प्रदर्शित की जाती है।
मंदिर भ्रमण का सबसे अच्छा समय होली (मार्च महीने) के समय है। इस त्यौहार को यहाँ दोल्जात्रा या योसोंग भी कहते है। इस समय देवताओ की रथ यात्रा निकलती है और रात भर नृत्य के प्रदर्शन चलते है।
इस मंदिर में पूजाएं वैदिक पद्धति से की जाती है। प्रतिदिन सुबह और शाम पूजा की जाती है। भाटो के पोशाकों के भी नियम है और पुरुष तथा महिलाये अलग अलग से पजा अर्पित करते है।
दिशा निर्देश :
हवाई जहाज से -निकटतम हवाई अड्डा राजधानी इम्फाल में स्थित है जो भारत के प्रमुख शहरों - डेल्ही, कोलकाता और गुवाहाटी से जुड़ा है।
रेल से - दिमापुर (२१५५ किमी ) यहाँ से निकटतम रेलवे स्थानक है।
रोड से - इम्फाल, असम राज्य के मुख्य शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा है। गुवाहाटी से राजमार्ग ३९ और सिलचर से राजमार्ग ५३।
लोकटक झील - यह झील दुनिया का एकमेव अस्थायी झील और भारत के कुछ बड़े मीठे पानी के झीलों में से एक है। इस झील की सुंदरता अनुपम है। यह स्थान केवल नौका यात्रा या आनंददायी पिकनीको का स्थान नहीं बल्कि राज्य की आर्थिक व्ययस्था का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस हील से पन बिजली ऊर्जा, जीवो और वनस्पति की सिंचाई का काम होता है। मणिपुर की यात्रा इस झील को देखे बिना पूर्ण नहीं हो सकती।
मणिपुर के अन्य स्थानो के भ्रमण के लिए नीचे दिए गए सरकारी संकेत स्थल को देखे -![]() |
लोकटक झील |
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translated By Ananya
Image Courtesy - Wikipedia and Tripadvisor
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