स्थल :- इंडोनेशिया के मध्य जावा क्षेत्र में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर योग्यकर्ता के शहर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर है । यह मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों का एक हिस्सा है । इंडोनेशिया के बौद्ध और हिंदू मंदिरों को सामूहिक रूप से कंदी के रूप में जाना जाता है। इसलिए, स्थानीय लोगों को इस जगह कंदी प्रम्बानन कहते हैं।
यह मंदिर रकै पिकतन के तहत संजय राजवंश के दौरान 9 वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया था। इसके बाद कई राजाओं मंदिर क्षेत्र का विस्तार किया।
मुख्य देवता : - यह मंदिर ब्रह्मा, विष्णु और शिव की त्रिमूर्ति के लिए समर्पित है ।
इतिहास :- बांडुंग बोन्डोवोसो नाम का एक आदमी, रोरो जोंग्गरंग नाम की एक महिला को प्यार करता था और उससे शादी करना चाहता था । पर रोरो जोंग्गरंग उससे शादी नहीं करना चाहती थी। इसलिए उसने बांडुंग से सामने एक चुनौती प्रस्ताव किया, और एक रात में १००० मूर्तियों के साथ एक मंदिर बनाने के लिए कहा। वह 999 मूर्तियों बना चूका थी और तभी रोरो ने गाव की महिलाओ से कहा जी जोर से चावल पीटना आरम्भ करे। इस आवाज़ से मुर्गे ने बंग दे दी और बांडुंग को लगा की सुबह हो गयी और अधूरा मंदिर छोड़ दिया । जब उसे रोरो की साज़िश का पता चला तब उसने रोरो को मंदिर की अंतिम १००० वि मूर्ति बन जाने का शाप दिया।
विशेषताए : -
कालावधि :- सुबह ७:३० से शाम ५:३०
दिशा निर्देश :-
सड़क मार्ग: -इस निकटतम शहर योग्यकर्ता है । यहाँ से , आप क्लटन के लिए एक कार या टैक्सी किराए पर कर सकते हैं। मंदिर क्लटन से चल कर पोहोच सकते है । स्थानीय बसे भी उपलब्ध हैं।
हवाई जहाज द्वारा: योग्यकर्ता , जकार्ता, बाली निकटतम हवाई अड्डे हैं ।
यह मंदिर रकै पिकतन के तहत संजय राजवंश के दौरान 9 वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया था। इसके बाद कई राजाओं मंदिर क्षेत्र का विस्तार किया।
मुख्य देवता : - यह मंदिर ब्रह्मा, विष्णु और शिव की त्रिमूर्ति के लिए समर्पित है ।
इतिहास :- बांडुंग बोन्डोवोसो नाम का एक आदमी, रोरो जोंग्गरंग नाम की एक महिला को प्यार करता था और उससे शादी करना चाहता था । पर रोरो जोंग्गरंग उससे शादी नहीं करना चाहती थी। इसलिए उसने बांडुंग से सामने एक चुनौती प्रस्ताव किया, और एक रात में १००० मूर्तियों के साथ एक मंदिर बनाने के लिए कहा। वह 999 मूर्तियों बना चूका थी और तभी रोरो ने गाव की महिलाओ से कहा जी जोर से चावल पीटना आरम्भ करे। इस आवाज़ से मुर्गे ने बंग दे दी और बांडुंग को लगा की सुबह हो गयी और अधूरा मंदिर छोड़ दिया । जब उसे रोरो की साज़िश का पता चला तब उसने रोरो को मंदिर की अंतिम १००० वि मूर्ति बन जाने का शाप दिया।
विशेषताए : -
- मंदिर की निर्माण शैली भव्य और मजबूत है। यह हिंदू वास्तुकला की धरोहर है। पूरा मंदिर १५० फीट ऊंचा है। मंदिर परिसर में सैकड़ों छोटे मंदिरों के होते हैं।
- पूरा मंदिर परिसर लगभग ४० हेक्टेयर है। प्रत्येक मंदिर में पत्थरो की नक्काशियां की हुई है। इसकी भव्यता एक अमीर और सांस्कृतिक युग में हमें ले जाती है ।
- मंदिर की दीवारों की कलाकृतियाँ रामायण से विभिन्न दृश्यों को दर्शाती है।
- रोरो जोंग्गरंग, देवी पार्वती का अवतार माना जाता है। त्रिमूर्ति के लिए एक एक मुख्य मंदिर है तथा इनके साथ ही वाहन मंदिर जैसे भगवन शिव के लिए नंदी , ब्रह्मा के लिए अंग्स और श्री विष्णु के लिए गरुड़ का मंदिर भी है।
- १६ वीं सदी के दौरान, कई भूकंप और ज्वालमुखिओ ने मंदिर को नष्ट कर दिया। १७५५ के बाद मंदिर के पुनर्विकास की शुरुआत हुई।
- प्रम्बानन का दौरा चलते हुए किया जा सकता है। अगर कोई चलते चलते थक जाये तो पार्क के चारों ओर शटल ट्रेने उपलब्ध हैं।
- पास में कंदी लुंबुंग और कंदी बुबरह जैसे विभिन्न बौद्ध मंदिर हैं। इन स्थानों के भी दर्शन प्रम्बानन के साथ करने चाहिए।
कालावधि :- सुबह ७:३० से शाम ५:३०
दिशा निर्देश :-
सड़क मार्ग: -इस निकटतम शहर योग्यकर्ता है । यहाँ से , आप क्लटन के लिए एक कार या टैक्सी किराए पर कर सकते हैं। मंदिर क्लटन से चल कर पोहोच सकते है । स्थानीय बसे भी उपलब्ध हैं।
हवाई जहाज द्वारा: योग्यकर्ता , जकार्ता, बाली निकटतम हवाई अड्डे हैं ।
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