कांच का मंदिर - आरुल्मिगु श्री राजकालीअम्मन , जोहर बहरू ,मलेशिया


स्थान -तेबरु, मलेशिया के जौहर बाहरू जिले में स्थित है।  इस स्थान पर कांच से बना हुआ ग्लास मंदिर एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। यह मंदिर भी अपनी अद्भुत कांच की संरचना के लिए  के मलेशियाई रिकॉर्ड बुक में सूचीबद्ध है। यह भी जोहोर में सबसे पुरानेमंदिरो में से एक है ।


इतिहास -  इस मंदिर गुरु भगवान सित्तर ((सिन्नाथंबी शिवस्वामी )ने अपने पिता से विरासत के रूप में मंदिर प्राप्त किया। उस समय मंदिर परंपरागत तरीके से निर्माण किया गया था । एक दिन  गुरु यात्रा कर रहे थे जब उन्होंने  दूर से एक चमकती रोशनी देखा। उन्होंने अपने ड्राइवर से पूछा की प्रकाश के स्तोत्र की और चले । वास्तव में वह चमक एक २ किलोमीटर दूर मंदिर पर लगे कांच  से परिलक्षितस  हो रहा था
गुरूजी उस कांच की कलाकृति को देख कर प्रेरित हो उठे और अपने मंदिर को पूरी तरह से कांच से बने मंदिर में बदलने का निर्णय लिया।



कांच का मंदिर

काँच की  कलाकृति

वास्तुकला - इस मंदिर में  पूरी तरह से काँच की  कलाकृति दोनों के अंदर के साथ ही बाहर भी है।  इसलिए इसे  ग्लास मंदिर कहा जाता है। कांच पर सूरज से प्रतिबिंब होती रौशनी एक सुंदर और स्फूर्तिदायक दृष्टि माना जाता है। मुख्य मंदिर 1922 में बनाया गया था, यद्यपि यह 1996में पुनर्विकसित किया गया था। इस मंदिर में कांच की कलाकृतिया 2008 और 2009 में कुशल कारीगरों को म्यांमार से लेकर किया गया।

मंदिर पूरी तरह से लाल, नीले, सफेद और अन्य चमकते कांच के साथढका गया है। कुल में कांच केकरीब 1 लाख टुकड़े हैं। कांच के टुकड़ो की वजह से भक्ति गीत या भजन भी , एक शांतिपूर्ण ध्वनि के साथ गूंजते है।

इस मंदिर वास्तुकला मलेशियाई और हिन्दू कला रूपों का एक मिश्रण है। कांच की दीवारों पर प्रकाश प्रतिबिंबित होते है। अंदर कांचके झूमर भी लगे हैं। भीतर का कमरा बहुत बड़ा है और 1500 श्रद्धालुओं को समायोजित कर सकते हैं।

केंद्र में आत्मा शिवलिंग के रूप में जाना जाने वाला एक शिव मूर्ति है। यहां भगवान शिव एक कमल की स्थिति में बैठे है और उनका आसन दुनिया के नक्शे से सजा है।

यहाँ की संरचनाओं में जीवन चक्र संरचना में शामिल हैं। ये संगमरमर हैं, जिसपर सोने की चढ़ाई की गयी है  , वृयहाँ  जन्म से मृत्यु तक एक मानव के जीवन के चक्र को दर्शाया गया है ।


विशेषता - इस मंदिर के बारे में सबसे दिलचस्प बात यह है कि यह एक हिन्दू मंदिर होने के बावजूद यहाँ बुद्ध, ईसा मसीह , गुरु नानक और मदर टेरेसा के लिए भी धार्मिक स्थलों की रचना हैं ।

इस मंदिर के गुरु सांप्रदायिक सौहार्द को प्रोत्साहित करते  है और यह बात दीवारों पर कलाकृतियों में स्पष्ट है। इन चित्रों में किसी अन्य धर्म के सदस्य को मदद करने की विभिन्न स्थिति को दर्शाती है।

यह एक ऐसा धार्मिक स्थल है जहा पर्यटकों को  प्रोत्साहित करते हैं । पर्यटन का समय रोज दोपहर १ से शाम ५ तक है।

पता - 2 लोरोंग 1, जलन तेबरु , जोहोर बहरू

कालावधि - सुबह ७ से रात १० बजे तक

दूरध्वनी :- 07-224-5152

दिशा निर्देश 
सड़क मार्ग -  यह स्थान जलन तुन अब्दुल रज़्ज़ाक मार्ग से प्रवेश के योग्य है।  निकटतम बस अड्डा लरकिन बस अड्डा है।
हवाई जहाज से - जोहर बहरू दक्षिण मलेशिया में है जो सिंगापूर के पास है।  चंगी हवाई अड्डा निकटतम हवाई ट्रैन से  - के टी म जोहर बहरू रेलवे स्थानक निकटतम रेलवे स्थानक है।

Image courtesy: Wikipedia images

No comments:

Post a Comment