थ्रिचित्तट महा विष्णु मंदिर, चेंगन्नूर से २ किमी की दूरी पर स्थित है। माना जाता है की इस मंदिर का निर्माण , युधिष्ठिर - प्रथम पांडव ने किया था। पांच पांडवो द्वारा स्थापित मंदिरो में से ये एक है। यह मंदिर काफी पुराण है और इसका उल्लेख संत नम्माल्वर ने अपनी रचनाओं में किया है। नम्माल्वर ३१०२ ईसा पूर्व के दौरान प्रसिद्द थे। उन्होंने इस मंदिर के आराध्य तथा मंदिर के बारे में गीत लिखे।
थ्रिचित्तट महा विष्णु मंदिर की विशेषतायें -
भगवान विष्णु यहाँ पूर्व मुखी है। इस मंदिर के पावन कुंड को शंखू तीर्थम (शंख का कुंड ) भी कहते है। और विष्णु मंदिरो से अलग होकर भगवान की मूर्ति के दाहिने हाथ में चक्र की जगह शंख है। इस मंदिर में भगवान विष्णु के साथ साथ शस्त और श्री कृष्ण का भी पावन स्थान है।
![]() |
थ्रिचित्तट महा विष्णु मंदिर |
थ्रिचित्तट महा विष्णु मंदिर की विशेषतायें -
भगवान विष्णु यहाँ पूर्व मुखी है। इस मंदिर के पावन कुंड को शंखू तीर्थम (शंख का कुंड ) भी कहते है। और विष्णु मंदिरो से अलग होकर भगवान की मूर्ति के दाहिने हाथ में चक्र की जगह शंख है। इस मंदिर में भगवान विष्णु के साथ साथ शस्त और श्री कृष्ण का भी पावन स्थान है।
Translated By - Ananya
No comments:
Post a Comment