ओड़िशा में स्थित ६४ योगिनी मंदिर
भुवनेश्वर से १५ किमी दूर हीरापुर नाम का एक छोटा सा गाव है। इस गाव में ६४ योगिनिओ जो प्राचीन काल से देवी पूजा का स्थान माना जाता है।
ललिता सहस्रनाम जो शक्त परंपरा की एक महत्वपूर्ण रचना है ; यह दर्शाती है की देवी "महा चतुषहस्ति कोटि योगिनी गण सविता " है। इसका मतलब यह है की देवी माँ की ६४ योगिनी सेविकाएं है। ब्रह्मांडा पुराण भी यह कहता है की १ करोड़ योगिनिओ में एक प्रधान योगिनी है। जब कभी यहाँ चंडी हवन या यज्ञ आयोजित किया जाता है तक योगिनी पूजा अवश्य होती है।
यह मंदिर हरे भरे खेतो के बीच स्थित है और देवी महामाया (चंडी देवी) और ६४ योगिनिओ को अर्पित है। यह मंदिर ऊपर से खुला हुआ और गोलाकार है. इस मंदिर की सुंदरता अपूर्व है। स्थानीय लोग इसे महामाया मंदिर भी कहते है।
शक्ति पूजा तथा नवीनतम मूर्ति पूजा सम्बंधित विचार रखने वाले लोगो का यह मंदिर भ्रमण करना बिलकुल अनिवार्य है।
भुवनेश्वर से १५ किमी दूर हीरापुर नाम का एक छोटा सा गाव है। इस गाव में ६४ योगिनिओ जो प्राचीन काल से देवी पूजा का स्थान माना जाता है।
ललिता सहस्रनाम जो शक्त परंपरा की एक महत्वपूर्ण रचना है ; यह दर्शाती है की देवी "महा चतुषहस्ति कोटि योगिनी गण सविता " है। इसका मतलब यह है की देवी माँ की ६४ योगिनी सेविकाएं है। ब्रह्मांडा पुराण भी यह कहता है की १ करोड़ योगिनिओ में एक प्रधान योगिनी है। जब कभी यहाँ चंडी हवन या यज्ञ आयोजित किया जाता है तक योगिनी पूजा अवश्य होती है।
यह मंदिर हरे भरे खेतो के बीच स्थित है और देवी महामाया (चंडी देवी) और ६४ योगिनिओ को अर्पित है। यह मंदिर ऊपर से खुला हुआ और गोलाकार है. इस मंदिर की सुंदरता अपूर्व है। स्थानीय लोग इसे महामाया मंदिर भी कहते है।
शक्ति पूजा तथा नवीनतम मूर्ति पूजा सम्बंधित विचार रखने वाले लोगो का यह मंदिर भ्रमण करना बिलकुल अनिवार्य है।
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64 Yogini Mandir - Hirapur Orissa |
translated by Ananya
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