दुनिया का केवल एक दुर्गा मंदिर जहा दुर्गा सप्तशती यन्त्र है - चेन्नई

दुनिया का केवल एक दुर्गा मंदिर जहा दुर्गा सप्तशती यन्त्र है - चेन्नई

चेन्नई - कोलकाता राष्ट्रीय मार्ग पर चेन्नई से ३० किमी दूरी पर, करनोदै के बाद स्थित है पंचेट्टी। यह मंदिर राष्ट्रिय मार्ग से थोड़ी ही दूरी पर है। इस जगह को पहले पंचेस्टि (पंच - ५ इष्टि - यज्ञ ) कहा जाता था। यहाँ के शिव मंदिर बोहोत प्राचीन है और यहाँ शिव को अगस्तीश्वरर कहा जाता है क्युकी यहाँ संत अगस्त्य पूजा करते थे।  संत अगस्त्य के लिए भी यहाँ एक तीर्थस्थल है।

यहाँ का शिव लिंग स्वयंभू है। देवी का नाम यहाँ आनंदवल्ली है और हरे रंग के ग्रेनाइट से बना हुआ है। देवी यहाँ दक्षिणमुखी है।

विशषताएं 

१ ) देवी  यहाँ ३  आँखों के साथ है और अपना बयां पैर आगे बढ़ाये हुए है। उनके पैर के नीचे "दुर्गा सप्तशती " यन्त्र है।  ये दुर्गा का रूद्र रूप है।

दुर्गा सप्तशती और चंडी की व्याख्या अनेको पुराणो में की गयी है।  यह दुनिया का केवल एक ही मंदिर है जहा ये यन्त्र प्रस्तुत है। इस यन्त्र की महिमा अपार  शत्रुओ और बुराई को नष्ट करने  में समर्थ है।

विवाह योग की समस्याओ से जूंझ रहे लोग यहाँ निम्बू से बनी हुई मालायें चढ़ाते है।  ८ सप्ताह यह करने पर फल प्राप्त होता है।


२) संत अगस्त्य के शिष्य पुलत्स्य ने यहाँ इष्ट लिंग की स्थापना की थी जो भक्तो की जरूरते पूरी करते है

३)  अनेको रहस्यमई यन्त्र और कलाकृतियां है। आसन के ऊपर यन्त्र और नवग्रह और द्वार बालाओं की कलाकृति मुख्या द्वार पर है। यह मंदिर अपने आप में ही एक विशाल यन्त्र है।


                    दुर्गा मंदिर वास्तुकला
मंदिर के प्रवेश द्वार पर नवग्रह




दुर्गा मंदिर जहा दुर्गा सप्तशती यन्त्र है 


४) शनि का वाहन कौआ है पर इस मंदिर में वाहन उक़ाब (ईगल ) पक्षी है।  इसका महत्व  नहीं गया है।

५) भगवान मुरुग यहाँ देव ब्रह्मा  लिए है जो मंगल दोष से निवारण देते है।

६)  इस मंदिर में सर्पो का बिल है जहा अनेक विषैले सर्प रहते है।  यह बोहोत शुभ माना जाता  है।

७ ) यह मंदिर अन्नदान क्षेत्र है।  अन्नदान ५ पुण्यो में से एक पुण्य है।

७) नाड़ी ज्योतिष शास्त्र में  चर्चा की  जाती है और यहाँ भक्त जो ज्योतिष शास्त्र में विश्वास रखते है अवश्य आते है।

८) केवल रहस्यमई कारणों के लिए ही नहीं बल्कि इस मंदिर  वास्तुशैली भी अपूर्व है। कुछ चित्र नीचे दिए गए है परन्तु चित्रो में इस मंदिर का बखान करना नामुमकिन हो सकता है।

मंदिर की वास्तुशैली

दुर्गा का रूद्र रूप

पुरोहित - बाबू गुरुक्कल -9841317500
translated by Ananya

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