राम तीर्थ ,भगवन राम मंदिर,आँध्रप्रदेश,विजयनगर,नेल्लिमर्ला

रामतीर्थ (भगवान राम का प्राचीन मंदिर)
Ramateertham- Temple
रामतीर्थ,यहाँ भगवन राम की यह मंदिर को 1000 वर्षोकी प्राचीन चरित्र है इसे दूसरा भद्राचलम के नाम से भी माना जाता है। (मशहूर राम मंदिर ,तेलंगाना ).यह रामतीर्थ मंदिर आंध्र प्रदेश में,विज़ियनगर जिले के नेल्लिमर्ला मंडल का राम तीर्थ गाँव में उपस्थित है।
यहाँ हम एक ही जगह में हिन्दू ,जैन और बौद्ध धर्मों की मंदिर के चिह्न देख सकते है  

मंदिर की ऐतिहासिक कहानी:हिन्दू इतिहासों में येह कहा गया है की भगवान राम ने त्रेता युग में और द्वापर युग में पांडव इस जगह पे अपने समय बिताये थे। जब पांडव,अरण्यवास पे जाने के समय में,भगवन श्री कृष्ण को अपने साथ आनेको पूछने पर,भगवन कृष्ण ने साफ से इंकार किये,और अपनी महिमा से उनको सीता,राम और लक्ष्मण की मूर्तियां प्रदान करते हुए पांडवो से बोले ,”में ही राम अवतार में इस जगह पर समय बिताया”,और पांडवो को इन मूर्तियों को हमेशा पूजा करने का आमंत्रण डीए जब पांडव अज्ञातवास जाने लगे,इन मूर्तियों को वेदगर्भ नाम के एक पंडित को दिए थे।  
जब बौद्ध धर्म का विस्तारण इस जगह पे होने के समय पर,वेदगर्भ की वंशीयोने इन मूर्तियों को जमीन में छिपा डीए। .एक दिन एक गूंगी बुढ़िया जांगिल में तूफान के वजह से रात भर वाही पे ठहरनी पडी,तब एक तेज रौशनी भगवन राम,सीता और लक्ष्मण के रूप में उस बुढ़िया के सामने प्रसन्न हुए और उस की जीभ पर बीजाक्षर लिखे और बोले की,”हम इस जगह पे बहुत वर्षो से रह रहे हैं”,इस बात को पूसपति वंशीय राजा(विजयनगर की राजा) को कहने को बोले थे.  उसी दिन पूसपति राजा के स्वप्न में भी भगवन राम,सीता और लक्ष्मण उस बुढ़िया की बातो सुननेको कहें।.राजा ने उस बुढ़िया की बातो पे ,उस जगह से मूर्तियों को निकलवाया और एक मंदिर बनवाय. इन मूर्तियों को बारिश की पानी में से निकलवाया था इसलिए इस जगह को राम तीर्थ के नाम से बुलाया जाता है.
1000-year-old Sri Rama temple on top
 of Bodhikonda
                                
मंदिर की खासियत: इस मंदिर की उत्तर दिशा में 3 पहाड़िया हैं और दक्षणि दिशा में एक तालाब।  पहला पहाड़ को बोधि के नाम से बुलाते हैं और इसकी ऊंचाई 1500 फ़ीट है येह कहा जाता है की,बौद्ध धर्म प्रचारक़ो ने इस प्रदेश को अपना मत विस्तारण का केंद्र बनाये थे.यहाँ आज भी उन बौद्ध स्तूपों की चिह्न देख सकते है दूसरा पहाड़ जैन धर्म का था जिसे गुरु पहाड़ के नाम से माना जाता है .इस पहाड़ में जैन मत के लोग रहने की चिह्न आज भी देख सकते हैं .यहाँ दुर्गा माता की 6 फुट की एक मूर्ति भी है .इसलिए इस पहाड़ को दुर्गा पहाड़ भी कहा जाता है .तीसरा पहाड़ को नीलाचल के नाम से बुलाते हैं ।यह 1800  फ़ीट की ऊंचाई और 2 किलो मीटर की लम्बाई की  एक ही पत्थर का पहाड़ है।.इस पहाड़ पे राम,सीता ,लक्षमण और पांडव के रहने की  चिह्न भी देख सकते हैं।  यही पे पांडव से बनवाया गया मंदिर (भगवन राम,सीता और लक्षण )को देख सकते हैं .यहाँ एक तालाब भी हैं जिस का नाम पाताल गंगा है .ये माना जाता है की जब माँ सीता प्यासी थी ,तब राम जी ने इस तालाब का सृस्टि किये हैं   

A view of Ruined Jain temple on Bodhikonda

Gurubhaktulakonda Buddhist Monastery Remnants 
at Ramateertham
सफर :रामतीर्थ  ,विज़ियनगरम से 12 किलोमीटर्स की सफारी है .विज़ियनगरम से ढेर सरे बस,ऑटो मिलते हैं . श्रीराम नवमी ,शिव रात्रि और वैकुण्ठ एकादसी दिनों में यहाँ ख़ास पूजाएं किये जाते हैं जुलाई से फरवरी तक येह जगह देखने लायक हैं .
मंदिर दर्शन के समय:  मंदिर का दर्शन समय सुभह 8 से शाम 7 तक .

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