उपनिषद् ब्रह्मेन्द्र मठ, कांचीपुरम , तमिल नाडु

तमिल नाडु में स्थित उपनिषद् ब्रह्मेन्द्र मठ, भारतवर्ष के पुरातन मठो में से एक है।  यह मठ श्री कैलाशंतर मंदिर के निकट है
इस मठ का नामकरण उपनिषद् ब्रह्मयोगिन या ब्रह्मेन्द्रल या श्री रामचन्द्र सरस्वती के नाम पर किया गया है  इन्हे उपनिषद् ब्रह्मयोगिन इसलिए कहा जाता है क्यूकिं १०८ हिन्दू उपनिषदों की व्याख्या रची है  ये रचनायें चेन्नई के अदायर पाण्डुलिपि ग्रंथालय में संरक्षित है
संत त्यागराज भी इस मठ का भ्रमण कर चुके है उन्हें श्री ब्रह्मेन्द्र ने आमंत्रित किया था इस आमंत्रण पत्र को मदुरई केवेंकटरमण भगवतार (वालाजपेट्टै) के  वंशज संभल रहे है त्यागराज ने यह आमंत्रण स्वीकार कर श्री ब्रह्मेन्द्र को आदर सत्कार करने इस मठ में आये

इस मठ में प्रवेश करते ही १६ सदी की शिल्पकला का आभास होता है

श्री राम मंदिर: - उपनिषद् ब्राह्मण श्री राम के उपासक थे। इसीलिए उन्होंने इस परिसर में एक भव्य राम मंदिर बनवाया इस मंदिर में राम यन्त्र पत्थर का बना हुआ है जो सीता राम सन्निधि के पास स्थित है राम जी की मूर्ति काफी वर्षो पुरानी है यन्त्रोद्धारक हनुमान जी की भी संनिद्धि यहाँ देखने मिलती है

शिव मंदिर - कहा जाता है इस मठ के स्थान पर अगस्त्य ऋषि को श्री ललित सहस्रनाम भगवन हयग्रीव ने सिखाया था।  आज भी यहाँ दो शिव लिंग है - अगस्त्य लिंग तथा हयग्रीव लिंग (अगस्तीश्वर और हयग्रीवेश्वर ) इस स्थान को अगस्त्याश्रम भी कहा गया है हयग्रीव, विष्णु के अवतार है. शायद ये एकमेव स्थान है जहा हयग्रीव शिवरूप में प्रस्तुत है  
उपनिषद् ब्राह्मण के पूजित विग्रह भी मठ के अंदर रखे हुए है कुछ भूमिगत कक्ष स्वामी अपने ध्यान के लिए उपयोग किया करते थे कांची के परमाचार्य भी इस मठ  में घंटो तक ध्यान मग्न रहते थे
सर्व तीर्थ तालाब :-
श्री उपनिषद् ब्राह्मण की समाधी या अधिष्ठान सर्व तीर्थ तालाब के पास स्थित है यह जगह मठ से केवल . किमी पर है यह चारो ओर से शिव मंदिरो से घिरा है इस परिसर में काशी  मुक्ति मंडपम भी है जो तिरुवायुर के मंडपम जितना ही जाना माना है
कुम्बकोरम के महा महम तालाब की तुलना भी इस सर्व तीर्थ तालाब से की जा सकती है दुर्भाग्यवश इस तीर्थस्थान की आध्यात्मिक महिमा अब घटती जा रही है



सर्व तीर्थ तालाब 

सन्दर्भ : - http://sreenivasaraos.com/2012/10/08/sri-upanishad-brahmendra-yogin/

No comments:

Post a Comment