विष्णु मंदिर जहा बैंगन का व्यंजन प्रसाद के रूप में दिया जाता है - इरिंजालाक्कुडा , केरेल


इरिंजालाक्कुडा, त्रिचूर से २५ किमी पर स्थित है।  यह एकमेव ऐसा मंदिर है जो श्री राम के अनुज भ्राता भरत को अर्पित है। यहाँ के आदिदेव को संगमेश्वर और इस जगह को कुदाल मणिक्कम कहते है।  श्री भरत की मूर्ति फ़ीट ऊँची और हाथो वाली है।  उनके हाथो में धनुष, शंख , चक्र तथा निडरता का आशीर्वाद है। यह विष्णु का एक स्वरुप ही है।
सदिओं पहले कुछ मछुआरे भगवन की मूर्तियाँ समुद्र से उठा ले आये। एक दैविक आकाशवाणी के यह कहा की इनमे से एक मूर्ति की यहाँ स्थापना की जाएगी।  भरत की मूर्ति का चुनाव किया गया और श्री राम को तिरुपरायर , लक्ष्मण को मुर्हिकुल्लम तथा शत्रुघ्न की मूर्ति को पयाम्मल में प्रतिष्ठित किया गया।   
भगवान विष्णु 
विशेषतायें :-
इस मंदिर में १०१ बैंगन देवता को पेट के रोगो से मुक्ति पाने के लिए अर्पित किया जाता है।  एक भक्त पेट का रोगी था, भगवन उसके स्वप्ना में और १०१ बैंगन का चढ़ावा चढाने का अनुरोध किया। इस दिन के बाद से यहाँ यह प्रथा चली आई है। प्रसिद्ध कर्नाटक संगीतज्ञ चेम्बई वैद्यनाथ भगवतार ने भी यह चढ़ावा चढ़ाया है।
इस मंदिर में तो घंटिया बजे जाती है ही धूप जलाये जाते है और ही कपूर।  लोग मानते है की भरत ध्यान मग्न है और ऐसा करने से उनका ध्यान भंग हो सकता है। भगवन को पद्म फूल चढ़ाना शुभ मन जाता है।
इस मंदिर में और मंदिरो की तरह अलग अलग देवो के तीर्थ स्थान या आसन नहीं है।  यहाँ सिर्फ भरत (श्री विष्णु) विराजते है। इस मंदिर परिसर में तुलसी वृक्ष भी नहीं है।
अक्टूबर -नवंबर के महीने में श्रवण तारक में अक्षत समारोह किया जाता है।  लोग नए चावल , सब्ज़ियाँ , केले इत्यादि लेकर अनेको गावों से चले आते है। अगले दिन एक विशाल महोत्सव किया जाता है जिसमें लाये गए पदार्थो से व्यंजन पकाये जाते है।  देवता को एक विशेष औषधि - मुक्कुदि दी जाती है जो भी भक्तो में बाटी जाती है। यह प्रसाद रोगो से मुक्ति दिलाता है।
नलमबलम यात्रा
मलयालम वर्ष के आखरी महीने (कार्तिक) में यह तीर्थयात्रा की जाती है।  यात्री केरल के मंदिरो की यात्रा करते है |
श्री राम मंदिर - त्रिपायर ( इरिंजालाक्कुडा के २२ किमी उत्तर पश्चिम)
कूडलमणिकायम भरत मंदिर ( इरिंजालाक्कुडा में)
लक्ष्मण मंदिर - मुर्हिकुल्लम ( इरिंजालाक्कुडा से ३० किमी दक्षिण पश्चिम)
शत्रुघ्न मंदिर  - पयाम्मल( इरिंजालाक्कुडा से किमी दक्षिण

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