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अधूरा मंदिर – जांजगीर विष्णु मंदिर

स्थल : छत्तीसगढ़ का जांजगीर-चांपा क्षेत्र के एक बड़े वैष्णव मंदिर के लिए जाना जाता है । यह मंदिर भीमा तालाब के पास बिलासपुर से लगभग 60 मील की दूरी पर स्थित है। छत्तीसगढ़ हिंदू मंदिरों की एक महान विरासत है। हर साल ” जाज्वल्य देव लोक महोत्सव “, एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्राचीन समय में राजा रहे श्री जाज्वल्य के आभार में आयोजित किया जाता है ।

मुख्य देवता – अन्य वैष्णव मंदिरों की तरह , यहां के मुख्य देवता श्री विष्णु है । भगवान गन्धर्वो और देवी किन्नरों की दुर्लभ मूर्तियों को भी यहां पाए जाते हैं । भगवान विष्णु की मूर्ति चार हाथ है जिनमे , फूल , शंख , चक्र और अभय हस्त है।

इतिहास  – स्थानीय ऐतिहासिक पुराणो के अनुसार,शिवरीनारायण  मंदिर और जांजगीर मंदिर के निर्माण के बीच एक प्रतियोगिता शुरू हुई  थी। जो पहले  निर्माण किया जाएगा भगवान विष्णु द्वारा उसी मंदिर में पधारेंगे  । शिवरीनारायणमंदिर पहले बन गया और , जांजगीर मंदिर को अधूरा छोड़ दिया गया था ।

एक अन्य कहानी विश्वकर्मा और भीम की है । उनमे भी  एक मंदिर का निर्माण करने के लिए प्रतिस्पर्धा हुई थी । भीम के साथी एक हाथी था । भीमा के औज़ार नदी में गिर जाने के कारन उनकी हार हो गयी। हार के बाद गुस्से में उन्होंने अपने हाथी तो दो भागो में तोड़ दिया । अब तक , एक हाथी की एक टूटी हुई संरचना मंदिर परिसर में मौजूद है।

वास्तुकला  – मंदिर का निर्माण १२ वीं सदी में शुरू हुआ है, लेकिन इसे पूरा नहीं किया गया। निर्माण हैहय राजवंश के राजा के शुरू किया था। वे दो भागों में मंदिर का निर्माण करने की कोशिश रहे थे । दुर्भाग्य से, वे कुछ ही समय में दो भागों को इकट्ठा नहीं कर पाये और मंदिर अधूरा ही रह गया । आम तौर पर एक मंदिर का निर्माण अपने शिखर ( मुकुट ) की स्थापत्य कला से समझा जा सकता है । परन्तु  इस मंदिर में कोई शिखर नहीं है । स्थानीय स्तर पर, इस मंदिर ” नकाटा मंदिर ” या अधूरा मंदिर कहा जाता है।

मंदिर लाल मिट्टी की ईंटों से बनाया गया है । कुछ लोग इस मंदिर को पांडवों द्वारा निर्माण किया गया है ऐसा विश्वास करते हैं । इस अधूरे मंदिर की निर्माण कला  भारतीय वास्तुकला के एक पुराने स्तोत्र को दर्शाती है।

पता : जांजगीर , छत्तीसगढ़ 495,668 भारत

दूरध्वनी : +91-7714028635

दिशा निर्देश :
रेल से  – बिलासपुर और भाटपारा
हवाई जगह से  – बिलासपुर

निकट के स्थान : 
काली मां मंदिर
नन्दीश्वर  मंदिर
कोटमी  किला

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